कंप्यूटर सिस्टम के महत्त्वपूर्ण पार्ट्स | Important Parts of Computer System
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जो दिए गए निर्देशों के पालन करता है। यह दिए गए निर्देशों का अनुसरण करता है और उसके अनुसार गणना करता है। कंप्यूटर विभिन्न कंपोनेंट्स से मिलकर बना होता है, इन कंपोनेंट्स को आवश्यकतानुसार अपनी सुविधा से उपयोग किया जा सकता है। ये कॉम्पोनेन्ट कंप्यूटर हार्डवेयर कहलाते हैं।
कंप्यूटर हार्डवेयर का तात्पर्य किसी कंप्यूटर के सभी फिजिकल पार्ट्स यानी भौतिक भागों से है। जिसमें सभी इनपुट डिवाइस, प्रोसेसिंग डिवाइस, स्टोरेज डिवाइस और आउटपुट डिवाइस होते हैं। कीबोर्ड, माउस, मदरबोर्ड, हार्डडिस्क, प्रिंटर - ये सभी हार्डवेयर के उदाहरण हैं। कंप्यूटर हार्डवेयर में कंप्यूटर के भौतिक भाग, जैसे कंप्यूटर केस / कैबिनेट, सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सीपीयू), मॉनिटर, माउस, कीबोर्ड, कंप्यूटर डेटा स्टोरेज डिवाइस, ग्राफिक्स कार्ड, साउंड कार्ड, स्पीकर और मदरबोर्ड शामिल हैं।
कंप्यूटर हार्डवेयर को मुख्य रूप से निम्नानुसार वर्गीकृत किया जा सकता है।
एक्सटर्नल हार्डवेयर | इनपुट / आउटपुट डिवाइस
इंटरनल हार्डवेयर | सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट / सिस्टम यूनिट के पार्ट्स
कम्प्यूटर हार्डवेयर के कुछ भाग कम्प्यूटर के लिए आवश्यक होते हैं जैसे की-बोर्ड, मॉनिटर, माउस इन्हें कम्प्यूटर के स्टैण्डर्ड डिवाइस कहते हैं। ये कंप्यूटर के बेसिक इनपुट आउटपुट डिवाइस होते हैं. इन डिवाइस के अलावा जो डिवाइस अन्य कार्यों हेतु कम्प्यूटर से जोड़े जाते हैं उन्हें पेरिफेरल डिवाइस (Peripheral device) कहते हैं, जैसे – प्रिन्टर, प्लाटर, जॉयस्टिक, लाइट पेन, ग्राफिक टेबलेट, आदि।
◱ मॉनिटर (फ्लैट-पैनल, एलसीडी)
◱ कीबोर्ड
◱ माउस
◱ प्रिंटर
◱ स्पीकर
इंटरनल हार्डवेयर (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट / सिस्टम यूनिट के पार्ट्स) - वे हार्डवेयर जो कि कंप्यूटर की सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट / सिस्टम यूनिट के अन्दर होते हैं वे इंटरनल हार्डवेयर कहलाते हैं. कंप्यूटर के इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स में मदरबोर्ड, प्रोसेसर, मेमोरी, स्टोरेज डिवाइस एवं अन्य इंटीग्रेटेड सर्किट्स (आईसी) शामिल हैं। ये सभी पार्ट्स कंप्यूटर कैबिनेट में असेम्बल किये जाते हैं। CPU कैबिनेट केस इंटरनल पार्ट्स को सुरक्षा प्रदान करता है। कंप्यूटर कैबिनेट में ही पॉवर सप्लाई (SMPS) भी लगाई जाती है जिससे मदबोर्ड एवं अन्य हार्डवेयर को पॉवर सप्लाई होती हैं। सिस्टम यूनिट के फ्रंट पैनल में निम्नानुसार स्टार्ट बटन, रिसेट बटन, सी डी ड्राइव, यू एस बी पोर्ट, ऑडियो जैक इत्यादि होते हैं. इसी प्रकार इसके बैक पैनल में पॉवर सप्लाई, मदर बोर्ड, विभिन्न कनेक्टर एवं पोर्ट्स होते हैं।
सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट के मुख्य पार्ट्स हैं :-
▷ मदरबोर्ड (Motherboard)
▷ माइक्रो प्रोसेसर (Micro Processor)
▷ रैंडम एक्सेस मेमोरी (Random Access Memory)
▷ हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive)
▷ सी डी / डी वी डी ड्राइव (CD/DVD Drive)
▷ पॉवर सप्लाई (Power Supply)
▷ एक्सपेंसन स्लॉट्स (Expansion Slots)
▷ पोर्ट्स एंड कनेक्टर (Ports and Connectors)
मदरबोर्ड (Motherboard) मदर बोर्ड एक बड़ा बोर्ड है जिसमें कई छोटे इलेक्ट्रॉनिक सर्किट और पार्ट्स होते हैं। मदरबोर्ड एक प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (PCB) है जो कंप्यूटर की नींव है इसमें सीपीयू, रैम और अन्य सभी कंप्यूटर हार्डवेयर पार्ट्स होते हैं जो एक दूसरे के साथ काम करते हैं. मदरबोर्ड पूरे सिस्टम का प्राइमरी पार्ट है। सभी पेरिफेरल डिवाइस भी मदरबोर्ड से जुड़े होते हैं, इसके लिए इसमें विभिन्न पोर्ट्स एवं कनेक्टर दिए गए हैं।
प्रोसेसर (Processor) प्रोसेसर (सीपीयू, सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट के लिए) कंप्यूटर का मस्तिष्क है। यह सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU) का मुख्य पार्ट है जो सिस्टम के बुनियादी अंकगणितीय, तार्किक और इनपुट / आउटपुट संचालन को निष्पादित करके कंप्यूटर प्रोग्राम के निर्देशों को पूरा करता है।
कंप्यूटर प्रोसेसर उन निर्देशों को प्रोसेस करते हैं जो इसे मेमोरी जैसे सोर्स से सप्लाई किए जाते हैं। यह संख्यात्मक डेटा (न्यूमेरिकल डाटा) एवं लॉजिकल इनफार्मेशन की प्रोसेसिंग करता है।
विश्व में मुख्यत: दो बड़ी माइक्रोप्रोसेसर उत्पादक कंपनियां है:- इंटेल (INTEL) और ए.एम.डी.(AMD)। इनमें से इन्टैल कंपनी के प्रोसेसर अधिक प्रयोग किये जाते हैं। प्रत्येक कंपनी प्रोसेसर की तकनीक और उसकी क्षमता के अनुसार उन्हे अलग अलग कोड नाम देती हैं, जैसे इंटेल कंपनी के प्रमुख प्रोसेसर हैं पैन्टियम -1, पैन्टियम -2, पैन्टियम -3, पैन्टियम -4, कोर 2 डुयो, कोर i3, कोर i5, कोर i7 आदि।
उसी तरह ए.एम.डी. कंपनी के प्रमुख प्रोसेसर हैं के-5, के-6, ऐथेलॉन आदि। माइक्रोप्रोसेसर की क्षमता हर्ट्ज़ में नापी जाती है। प्रोसेसर 32 एवं 64 बिट के होते हैं।
कंप्यूटर मेमोरी (Computer Memory) मुख्य रूप से से दो प्रकार की मेमोरी का कंप्यूटर (पीसी) में उपयोग किया जाता है।
▷ प्राइमरी मेमोरी - ROM और RAM
▷ सेकेंडरी मेमोरी - हार्ड डिस्क, फ्लॉपी डिस्क, मैग्नेटिक टेप, सीडी आदि।
प्राइमरी मेमोरी ROM (रीड ओनली मेमोरी) एक नॉन वोलेटाइल मेमोरी है जिसमें बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम (BIOS) प्रोग्राम और हार्डवेयर सेटिंग्स शामिल होते हैं। यह मदर बोर्ड में ROM BIOS चिप के रूप में मौजूद रहती है. जिसे रीड ओनली मेमोरी बेसिक इनपुट-आउटपुट सिस्टम कहा जाता है।
कंप्यूटर पर, BIOS में सामान्य हार्डवेयर जैसे कीबोर्ड, माउस, मॉनिटर, हार्ड डिस्क आदि को कण्ट्रोल करने के लिए आवश्यक कमांड्स सेव रहती हैं, ऑपरेटिंग सिस्टम के लोड होने के पूर्व यह कंप्यूटर को स्टार्ट करने का कार्य करता है।
प्राइमरी मेमोरी - RAM (रैंडम एक्सेस मेमोरी) एक वोलेटाइल मेमोरी है जिसका उपयोग उपयोगकर्ता डेटा को अस्थायी रूप से तब करता है जब CPU किसी इनफार्मेशन को प्रोसेस कर रहा होता है। RAM में एक छोटे सर्किट बोर्ड पर कई चिप्स होते हैं। दो प्रकार के मेमोरी चिप्स- सिंगल इन-लाइन मेमोरी मॉड्यूल (SIMM) और डुअल इन-लाइन मेमोरी मॉड्यूल (DIMM) डेस्कटॉप कंप्यूटर में उपयोग किए जाते हैं।
RAM की क्षमता मेगाबाइट अथवा गीगाबाइट में मापी जाती है, वर्तमान में पर्सनल कंप्यूटर में 2 GB से लेकर 16 GB तक की मेमोरी प्रयोग की जा रही हैं, आवश्यकता अनुसार इन्हें बढ़ाया भी जा सकता है।
इसे लगाने के लिए मदर बोर्ड में मेमोरी स्लॉट्स - SIMM या DIMM का प्रयोग किया जाता है जो निम्न प्रकार के होते हैं :
• SIMM- सिंगल इनलाइन मेमोरी मॉड्यूल - 32 या 72 पिन
• DIMM- डबल इनलाइन मेमोरी मॉड्यूल - 168 पिन।
Complementary Metal Oxide Semiconductor (कम्प्लीमेंट्री मेटल ऑक्साइड सेमीकंडक्टर) CMOS बैटरी आमतौर पर एक कंप्यूटर मदरबोर्ड पर कम मेमोरी के लिए के लिए उपयोग किया जाता है जो BIOS सेटिंग्स को स्टोर करता है। अधिकांश सीएमओएस बैटरी एक मदरबोर्ड पर 4-5 साल तक चलती है।
लेकिन कभी-कभी इसे बदलने की आवश्यकता होती है जब कम्प्यूटर गलत तारीख और समय दर्शाना शुरू कर देता है. यह सीएमओएस बैटरी के ख़राब होने का प्रमुख संकेत हैं।
स्टोरेज डिवाइस (Storage Device) या डिस्क ड्राइव कंप्यूटर कैबिनेट के अंदर मौजूद होते हैं। सामान्य रूप से यह हार्ड डिस्क ड्राइव, फ्लॉपी ड्राइव, सीडी ड्राइव या डीवीडी ड्राइव होते हैं। ये स्टोरेज डिवाइस स्थायी रूप से बड़ी मात्रा में डेटा स्टोर कर सकते हैं।
स्टोरेज ड्राइव - हार्ड डिस्क ड्राइव, ऑप्टिकल ड्राइव (CD/DVD) और फ्लॉपी ड्राइव सभी केबल के माध्यम से मदरबोर्ड से कनेक्ट होते हैं और कंप्यूटर केस / कैबिनेट के अंदर माउंट होते हैं।
ये ड्राइव आईडीई (IDE) और एसएटीए (SATA) केबल्स के द्वारा मदरबोर्ड से जुड़ते हैं। वर्तमान में पुराने आईडीई कनेक्शन की अपेक्षा SATA (सीरियल एडवांस टेक्नोलॉजी अटैचमेंट) केबल का उपयोग किया जा रहा है जो तेजी से हार्ड ड्राइव एक्सेस प्रदान करता है।
हार्ड डिस्क का इस्तेमाल कम्प्यूटर में सेकेंड्री मेमोरी / स्टोरेज डिवाइस के तौर पर होता हैं और यह कम्प्यूटर का सबसे भरोसेमंद स्टोरेज माध्यम हैं। वर्तमान समय में इसकी क्षमता गीगाबाइट से भी आगे निकल गई हैं। यह एक चुंबकीय भंडारण (मैग्नेटिक स्टोरेज) डिवाइस है, जिसमें बड़ी मात्रा में डेटा स्टोर किया जाता है।
तकनीक की वजह से इसका आकार कम होता जा रहा हैं और डेटा स्टोर करने की क्षमता बढ़ती जा रही हैं। इसे कम्प्यूटर के मदरबोर्ड में लगी आईडीई या SATA पोर्ट से जोड़ते हैं।
यह ऑप्टिकल स्टोरेज डिवाइस है, जो डेटा को पढ़ने और लिखने के लिए LASER बीम का उपयोग करता है। CD / DVD ड्राइव को मदरबोर्ड पर IDE कंट्रोलर अथवा SATA कंट्रोलर से जोड़ा जा सकता है। इस समय 52X तक की सीडी ड्राइव को इस्तेमाल किया जाता हैं।
डीवीडी ड्राइव, सीडी ड्राइव को एडवांस संस्करण हैं। इसका आकार सीडी जितना ही होता हैं लेकिन इसकी क्षमता कई सीडी के बराबर होती हैं। डीवीडी ड्राइव एवं सीडी ड्राइव एक समान ही होती हैं।
पॉवर सप्लाई (Power Supply) जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, पीसी (पर्सनल कंप्यूटर) को संचालित करने के लिए आवश्यक इलेक्ट्रिसिटी प्रदान करती है। यह बिजली की स्टैण्डर्ड 110 वोल्ट एसी बिजली लेती है और +/- 12-वोल्ट, +/- 5-वोल्ट और 3.3-वोल्ट डीसी बिजली में परिवर्तित हो जाती है। बिजली आपूर्ति कनेक्टर में 20-पिन हैं, और कनेक्टर केवल एक दिशा में जा सकता है।
इसकी क्षमता 200 वाट से लेकर 450 वाट तक हो सकती हैं। पॉवर सप्लाई यूनिट पावर प्रोटेक्शन डिवाइस के माध्यम से AC पावर से DC पॉवर में कन्वर्ट करता है। इसे स्विच्ड मोड पावर सप्लाई (SMPS) के रूप में जाना जाता है। SMPS के केबल कनेक्टर से फ्लॉपी ड्राइव, हार्ड डिस्क ड्राइव, मदरबोर्ड एवं अन्य इंटरनल पार्ट्स को आवश्यक वोल्टेज प्रदान करता है। SMPS में एक छोटा फेन भी लगा होता है, जिसका कार्य SMPS की कूलिंग करना होता है।
एक्सपेंशन स्लॉट (Expansion Slot) कंप्यूटर मदर बोर्ड के अंदर स्थित वह स्लॉट है जो अतिरिक्त पेरिफेरल डिवाइस को इससे जुड़ने / कनेक्ट करने की सुविधा देता है। एक्सपेंशन स्लॉट के कई प्रकार के होते हैं:
यह एक्सपेंशन बस का स्टैंडर्ड आर्किटेक्चर है। मदरबोर्ड में ISA कार्ड को जोड़ने के लिए कुछ स्लॉट हो सकते हैं। इसे मॉडेम, ऑडियो डिवाइस और अन्य इनपुट उपकरणों को जोड़ने के लिए प्रयोग किया जाता है।
पीसीआई बस का उपयोग I / O उपकरणों को कंप्यूटर से जोड़ने के लिए किया जाता है। वर्तमान में PCI बस ने ISA बस की जगह ले ली है। मदरबोर्ड में एक से अधिक पीसीआई स्लॉट होते हैं। ऑडियो, वीडियो और ग्राफिक्स को जोड़ने के लिए इनका प्रयोग किया जाता है। वे ISA कार्ड्स की तुलना में बहुत तेज हैं, जो बाह्य उपकरणों को सीपीयू का उपयोग किए बिना सीधे सिस्टम मेमोरी तक पहुंचने की अनुमति देता है।
AGP एक वीडियो ग्राफ़िक्स कार्ड को कंप्यूटर के मदरबोर्ड से जोड़ने के लिए एक हाई-स्पीड पॉइंट-टू-पॉइंट चैनल है। यह हाई ग्राफ़िक्स एवं 3-डी एनीमेशन, गेमिंग के लिए प्रयोग किया जाता है.वर्तमान में यह इनबिल्ट मेमोरी एवं प्रोसेसर के साथ भी आता है.
पेरिफेरल कनेक्टर (Peripheral Connectors) मदरबोर्ड में एक निश्चित संख्या में I/O सॉकेट होते हैं जो कंप्यूटर के पीछे की तरफ पाए जाने वाले पोर्ट और इंटरफेस से जुड़े होते हैं। पेरिफेरल डिवाइस को इन पोर्ट्स एवं इंटरफेस से जोड़ सकते हैं, जो कंप्यूटर के मदरबोर्ड से जुड़े होते हैं। ये पोर्ट कंप्यूटर कैबिनेट के पीछे एक कनेक्टर होता है जिससे आप डिवाइस जैसे प्रिंटर, कीबोर्ड, स्कैनर, मॉडेम आदि में प्लग करते हैं। कंप्यूटर पोर्ट को आमतौर पर इनपुट/आउटपुट पोर्ट (I/O पोर्ट) के रूप में भी जाना जाता है।
अधिकांश कनेक्टर अलग अलग होते हैं, जिससे इन्हें केबल के माध्यम से आसानी से सही दिशा में प्लग किया जा सकता है। कंप्यूटर पोर्ट को कम्युनिकेशन पोर्ट भी कहा जाता है क्योंकि यह कंप्यूटर और उसके पेरिफेरल डिवाइस के बीच संचार के लिए जिम्मेदार है। ये निम्न प्रकार के होते हैं :
PS / 2 कनेक्टर को माउस और कीबोर्ड को जोड़ने के लिए IBM द्वारा विकसित किया गया है। यह आईबीएम के पर्सनल सिस्टम / कंप्यूटर की 2 श्रृंखला के साथ पेश किया गया था और इसलिए इसका नाम PS / 2 कनेक्टर है। PS / 2 कनेक्टर को कीबोर्ड के लिए बैंगनी (Violet) और माउस के लिए हरे (Green) रंग का उपयोग किया जाता है।
सीरियल पोर्ट और पैरेलल पोर्ट प्रिंटर और अन्य एक्सटर्नल उपकरणों के कनेक्शन के लिए प्रयोग किए जाते हैं। पैरेलल पोर्ट, सीरियल पोर्ट, और वीडियो पोर्ट सभी "D" प्रकार कनेक्टर (DB-25M, DB-9M, DB-15F) का उपयोग करते हैं। इन्हें उनके आकार के कारण डी कनेक्टर्स कहा जाता है. वर्तमान में यूनिवर्सल सीरियल बस (USB) के कारण इनका उपयोग लगभग समाप्त हो गया है.
किसी भी सीरियल डिवाइस को जोड़ने के लिए 9 पिन डी टाइप सीरियल पोर्ट का उपयोग किया जाता है।
25 पिन डी प्रकार महिला पोर्ट का उपयोग प्रिंटर को जोड़ने के लिए किया जाता है।
15 पिन डी टाइप महिला कनेक्टर का उपयोग जॉयस्टिक जैसे उपकरणों को जोड़ने के लिए किया जाता है।
यूनिवर्सल सीरियल बस (USB) ने सीरियल पोर्ट, पैरेलल पोर्ट, PS/2 कनेक्टर्स, गेम पोर्ट सभी का स्थान ले लिया है। USB पोर्ट का उपयोग डेटा ट्रांसफर करने के लिए किया जा सकता है, यह बाह्य उपकरणों के लिए एक इंटरफ़ेस के रूप में कार्य करता है और यहां तक कि इससे जुड़े उपकरणों के लिए बिजली की आपूर्ति के रूप में भी कार्य करता है। कीबोर्ड, माउस, डिजिटल कैमरा, वेब कैमरा, स्कैनर और प्रिंटर जैसे उपकरण को यूएसबी पोर्ट के माध्यम से आसानी से मदरबोर्ड से जोड़ा जा सकता है। USB में कई विशेषताएं हैं जो इसे लोकप्रिय बनाती हैं। USB डिवाइस Swappable है जिसके कारण इसे कंप्यूटर सिस्टम को बंद किए बिना ही किसी डिवाइस को इससे जोड़ सकते हैं या निकाल सकते हैं।
तीन प्रकार के यूएसबी पोर्ट होते हैं: टाइप ए, टाइप बी या मिनी यूएसबी और टाइप सी माइक्रो यूएसबी।
LAN पोर्ट का उपयोग पीसी को लोकल नेटवर्क या हाई स्पीड इंटरनेट सेवाओं से जोड़ने के लिए किया जाता है। इसे आरजे 45 (RJ-45) / लैन / ईथरनेट पोर्ट भी कहा जाता है।
वीजीए पोर्ट कई कंप्यूटर, प्रोजेक्टर, वीडियो कार्ड और हाई डेफिनिशन टीवी में पाया जाता है। यह एक डी-सब कनेक्टर है जिसमें 3 पंक्तियों में 15 पिन होते हैं। कनेक्टर को DE-15 कहा जाता है।वीजीए पोर्ट कंप्यूटर और पुराने CRT मॉनिटर के बीच का मुख्य इंटरफ़ेस है। यहां तक कि आधुनिक एलसीडी और एलईडी मॉनिटर वीजीए पोर्ट्स को सपोर्ट करते हैं लेकिन इनकी पिक्चर क्वालिटी कम होती है।
एचडीएमआई हाई डेफिनिशन मीडिया इंटरफ़ेस का संक्षिप्त नाम है। एचडीएमआई हाई डेफिनिशन और अल्ट्रा हाई डेफिनिशन डिवाइस जैसे कंप्यूटर मॉनिटर, एचडीटीवी, ब्लू-रे प्लेयर, गेमिंग कंसोल, हाई डेफिनिशन कैमरा आदि को जोड़ने के लिए एक डिजिटल इंटरफ़ेस है। एचडीएमआई का उपयोग वीडियो और ऑडियो सिग्नल्स प्रसारित करने के लिए किया जा सकता है। एचडीएमआई कनेक्टर में 19 पिन होते हैं और एचडीएमआई का नवीनतम संस्करण यानी एचडीएमआई 2.0 डिजिटल वीडियो सिग्नल को 4096 × 2160 और 32 ऑडियो चैनलों के रिज़ॉल्यूशन तक ले जा सकता है।
साउंड स्पीकर्स और माइक्रोफोन को जोड़ने के लिए ऑडियो प्लग (लाइन-इन, लाइन-आउट और माइक्रोफोन)। यह कनेक्टर साउंड कार्ड के साथ इंटरफेस करता है। कंप्यूटर सिस्टम में इनके लिए अलग अलग कलर कोड भी प्रयोग किया जाता है।